समरसता सेवा संगठन के उद्देश्य

क्र. उद्देश्य
1. महिला सशक्तिकरण महिलाओं के आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक स्थान के लिए सभी आवश्यक प्रयास करना।
2. भारतीय कला और साहित्य का संरक्षण राष्ट्रीय, धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से भारतीय कला, साहित्य, गीत और संगीत को प्रोत्साहित करना।
3. भारतीय ज्ञान परम्परा का संवर्धन भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा के ज्ञान के लिए — • संस्कृत शिक्षा • वैदिक शिक्षा • ज्योतिष शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य करना।
4. शिक्षा और सामाजिक बुराइयों का उन्मूलन समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने और गरीब तथा शोषित वर्ग के बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित कर उनके सर्वांगीण विकास हेतु कार्य करना।
5. खेल, ध्यान एवं योग को प्रोत्साहन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य हेतु खेलकूद, योग और ध्यान से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देना। 5. शिक्षा और सामाजिक बुराइयों का उन्मूलन समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने और गरीब तथा शोषित वर्ग के बच्चों को शिक्षा के प्रत
6. पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन समाज के समग्र उत्थान हेतु — • पर्यावरण संरक्षण • जल संरक्षण • वन्य जीव संरक्षण • वृक्षारोपण • प्राकृतिक एवं औषधीय खेती • गौ संरक्षण एवं गौपालन को प्रोत्साहन देना।
7. सामाजिक कल्याण और समरसता का प्रसार समाज में समरसता लाने और सामाजिक कल्याण के लिए सभी आवश्यक उपायों का क्रियान्वयन करना।
8. समरस भारत, समर्थ भारत का निर्माण “सब सबको जाने – सब सबको माने” के ध्येय वाक्य के साथ भारतीय संस्कृति और सनातन परम्परा में विश्वास रखने वाले विभिन्न जाति-समाजों के आराध्यों एवं महापुरुषों की जयंती पर सर्व समाज के संयुक्त कार्यक्रमों के माध्यम से उनके आदर्श